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AFA: अभिनंदन जैसे जांबाज इस एकेडमी में होते हैं तैयार

PNN India: हैदराबाद के डुंडीगल में शनिवार को भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के 100वें कोर्स की पासिंग आउट परेड हुई. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने परेड का निरीक्षण किया. परेड के साथ ही वायुसेना को नए ऑफिसर्स मिल गए हैं. रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि देश की वायुसेना किसी भी हालत में दुश्‍मन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है.

गौरतलब है, भारतीय वायुसेना के जांबाज योद्धा विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को और राष्ट्रीय शान का प्रतीक बनी उनकी मूंछों के बारे में तो सब जानते हैं. आज हम आपको उस अकादमी के बारे में विस्तार से बताएंगे जहां अभिनंदन जैसे जांबाज तैयार किए जाते हैं. बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद फरवरी 2019 में पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को पाकिस्तानी वायु सीमा में घुसकर मार गिराने वाले अभिनंदन देश के लिए एक राष्ट्रीय हीरो है. उनके इस जज्बे और युद्ध कौशल के पीछे सफलता की मुख्य वजह बनी थी उनकी कठोर और जबरदस्त ट्रेनिंग. जो उन्हें मिली देश की एकमात्र वायु सेना अकादमी (एयर फोर्स एकेडमी यानी एएफए) से.

हैदराबाद स्थित वायु सेना अकादमी वह फैक्टरी है जहां पर विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान जैसे सैकड़ों योद्धा तैयार होते हैं. इस अकादमी से अब तक 100 बैच पास आउट परेड हो चुके हैं. देश के इस एकमात्र प्रशिक्षण संस्थान में आसमान में दुश्मन को मात देने का कौशल सिखाया जाता है.

NDA के बाद कैडेट्स पहुंचते हैं यहां

पुणे के खड़कवासला स्थित राष्‍ट्रीय रक्षा अकादमी यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी यानी एनडीए से तीन साल ग्रेजुएशन की पढ़ाई करके वो कैडेट्स एयरफोर्स एकेडमी में आते हैं जिन्‍हें वायुसेना में शामिल होना होता है. एयरफोर्स एकेडमी, हैदराबाद के डुंडीगल में है और यह जगह मेदचल-मलकाजगिरी जिले में पड़ती है. हैदराबाद से इसकी दूरी करीब 43 किलोमीटर है और यइ तेलंगाना राज्‍य में आती है. एकेडमी की स्‍थापना सन् 1969 में हुई और इसने सन् 1971 में अपना संचालन शुरू कर दिया. 7,050 एकड़ की जमीन पर स्थित यह एकेडमी आज रक्षा क्षेत्र का सबसे बड़ा हिस्‍सा है. इस एक जगह पर वायुसेना की हर शाखा के लिए कैड्स को ट्रेनिंग दी जाती है. आईएएफ की फ्लाइंग से लेकर टेक्निकल और ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच के कैडेट्स तो यहां पर ट्रेनिंग हासिल करते ही हैं, साथ ही साथ नौसेना और इंडियन कोस्‍ट गार्ड के ऑफिसर्स भी यहीं पर ट्रेनिंग के लिए आते हैं.

महिला पायलट्स की भी ट्रेनिंग

एकेडमी उन ट्रेनी ऑफिसर्स का घर है जो किसी खास विधा में महारथी बनना चाहते हैं. एक साल की ट्रेनिंग के बाद ऑफिसर्स कैडेट्स आईएएफ की अलग-अलग ब्रांच में कमीशन हासिल करते हैं. जब सन् 1993 में आईएएफ ने महिला कैडेट्स को शामिल करना शुरू किया तो वो यहां पर ट्रेनिंग के लिए आईं. फिर जब साल 2016 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनि चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह के साथ पहली बार फाइटर पायलट के तौर पर महिलाओं को कमीशन मिला, तो उन्‍हें भी यहीं पर ट्रेनिंग दी गई.

कई चरणों में पूरी होती है ट्रेनिंग

एयरफोर्स एकेडमी में आईएएफ पायलट्स को कई चरणों के तहत ट्रेनिंग दी जाती है. एकेडमी से जो कैडेट्स फाइटर पायलट के तौर पर पासआउट होते हैं उन्‍हें अग्रणी फाइटर जेट्स जैसे मिग-21, मिग-29, सुखोई-30एमकेआई, मिराज-2000, तेजस, राफेल और जगुआर जैसे जेट्स को उड़ाने का मौका मिलता है. जो कैडेट्स ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाने की ट्रेनिंग लेते हैं उन्‍हें आईएल-76, सी-17 ग्‍लोबमास्‍टर और एएन-32 जैसे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाने का मौका मिलता है. कुछ कैडेट्स हेलीकॉप्‍टर बेड़े में शामिल होते हैं. इन कैडेट्स को ध्रुव, अटैक हेलीकॉप्‍टर अपाचे, एमआई-26, हैवी लिफ्ट हेलीकॉप्‍टर्स समेत ट्रूप्‍स को पैरा ड्रॉप करना और जरूरी सामानों की एयरलिफ्टिंग करने के गुण सिखाए जाते हैं. इसके अलावा एकेडमी में ऑफिसर कैडेट्स को प्रशासनिक, एयर कंट्रोलिंग, मौसम विज्ञान, लॉजिस्टिक्‍स, अकाउंट्स और शिक्षा जैसी ब्रांच की ट्रेनिंग भी दी जाती है. कभी-कभी मित्र देशों के ऑफिसर्स भी यहां पर ट्रेनिंग के लिए आते हैं.

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Shafi-Author

Shafi Shiddique