
PNN India: हरियाणा राज्य आपदा प्राधिकरण कॉविड-19 के अंतर्गत लागू लाकडाउन के उपरांत चल रही अनलॉक प्रक्रिया के दौरान शैक्षणिक, व्यवसायिक, खेल एवं अन्य प्रकार की गतिविधियों को कंटेनमेंट जोन से बाहर आवश्यक शर्तों सहित खोलने व पुनः शुरू करने बारे भारत सरकार द्वारा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के संबंध में अवगत कराया है।
उपायुक्त यशपाल (DC Yashpal) ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 2 नवंबर 2020 से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले जा सकेंगे। आवश्यक शर्तों में 2 गज की दूरी- फेस मास्क है, जो जरूरी प्रमुख रूप से शामिल होगा। ऑनलाइन व डिस्टेंस शिक्षण सिस्टम को पहले की तरह ही प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी स्वेच्छा से अभिभावकों द्वारा लिखित सहमति से ही स्कूल में उपस्थित हो सकेंगे, हाजिरी लगाना प्रतिबंधित नहीं होगा। स्कूल एवं प्रशिक्षण संस्थान इस संबंध में शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा जारी एसओपी का पालन करने के लिए बाध्य होंगे।
उन्होंने बताया कि उच्चतर शिक्षण संस्थानों के खोलने बारे संस्थान मुखिया ही निर्णय लेंगे कि रिसर्च स्कॉलर्स (पीएचडी) स्नातकोतर, तकनीक व प्रयोगशाला कार्य को निर्धारित शर्तों सहित खोला जाए। हाजिरी अनिवार्य नहीं होगी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 8 अक्टूबर 2020 को जारी आवश्यक हिदायतें लागू रहेगी।
उन्होंने बताया कि सामान्य जन स्वास्थ्य पैमानों सहित स्विमिंग पूल सुविधा शुरू की जा सकेगी। सिनेमा, थिएटर व मल्टीप्लेक्स आदि में 50ः क्षमता में ही लोग बैठ सकेंगे। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 6 अक्टूबर 2020 को एसओपी के बारे जारी की गई हिदायतों का पालन करना होगा।
उपायुक्त ने बताया कि एंटरटेनमेंट पार्क व इसके समान स्थलों पर भी कंटेनमेंट जोन के बाहर ही आवश्यक जन स्वास्थ्य के पैमानों, 2 गज की दूरी फेस मास्क सहित भाग लिया जा सकेगा। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 8 अक्टूबर 2020 को जारी की गई हिदायतों का पालन करना होगा।
उन्होंने बताया कि व्यापार व्यापारिक प्रदर्शनियों को भी केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा 15 अक्टूबर 2020 को जारी दिशा-निर्देशों एवं हिदायतों सहित सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालना करते हुए शुरू करने की अनुमति होगी। खेल, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनैतिक कार्यक्रमों को 100 लोगों से कम की संख्या में ही शुरू करने की अनुमति होगी। इसमें भी सामान्य क्षमता से 50 प्रतिशत की संख्या रखनी होगी। सोशल डिस्टेंसिंग की निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा।
उपायुक्त ने बताया कि शहर में शहरी एवं स्थानीय निकाय विभाग तथा ग्रामीण क्षेत्र में विकास एंड पंचायत विभाग द्वारा निर्देशित एसओपी का पालन करना होगा। जिले में इन सभी प्रकार की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने बारे जो जिला प्रशासन व उपायुक्त को यह अधिकार होगा कि वह उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 तथा आईपीसी की धारा 188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही अमल में ला सकेंगे।
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