
हरियाणा के 1000 निजी स्कूलों के लाखों बच्चों के भविष्य पर लटकी तलवार, प्राइवेट स्कूल संघ ने आंदोलन की चेतावनी
PNN/ Faridabad: हरियाणा के एक हजार से अधिक अस्थायी स्कूलों में पढ़ रहे लाखों बच्चों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने इन स्कूलों को एक्सटेंशन देने से मना कर दिया है। इस पर नाराजगी जताते हुए हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। संघ के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री को इस मुद्दे पर मांग पत्र सौंपा। जिस पर उन्होंने अस्थायी स्कूलों की मान्यता अवधि बढ़ाने से साफ मना कर दिया।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने बताया कि शिक्षा मंत्री को सौंपे ज्ञापन में इन स्कूलों की मान्यता अवधि बढ़ाने, नियम-134ए की बकाया राशि, सोसायटी नवीनीकरण का एक अवसर देने, बिना एसएलसी दाखिल बच्चों से एसएलसी लेने, शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की जमीन एक समान करने व एमआईएस पोर्टल पर काम कर रहे मिडिल स्कूलों से बोर्ड संबंद्धता फीस भरवाने सहित मांगों को प्रमुखता के साथ उठाया गया था।
कुंडू व प्रेस प्रवक्ता शैलेंद्र शास्त्री ने शिक्षा मंत्री के समक्ष सवाल उठाया कि अगर अस्थायी स्कूलों को एक्सटेंशन नहीं देन थी तो स्पोर्ट्स फंड क्यों भरवाया। 134-ए की खाली सीटों का ब्योरा भी इन स्कूलों से लिया गया। शिक्षा बोर्ड भिवानी ने मैपिंग की ऑनलाइन फीस भरवा ली है। इन स्कूलों की मान्यता 31 मार्च 2021 को समाप्त हो चुकी है फिर ये सब क्यों करवाया गया।
शिक्षा मंत्री ने संघ के इस एतराज को जायज ठहराया और आश्वस्त किया कि अधिकारियों से बात करेंगे। नियम-134ए की बकाया राशि जल्द जारी की जाएगी। बिना एसएलसी दाखिल बच्चों से यह प्रमाण पत्र लेने व वर्ष 2012 के बाद से सोसाइटी नवीनीकरण करवाने से वंचित स्कूलों को मौका देने का उन्होंने आश्वासन दिया है।
