PNN/ Faridabad: सेक्टर-46 स्थित वर्धमान इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में बच्चों को नैतिक शिक्षा के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। स्कूल की प्रिंसिपल सुमन जैन ने बताया कि आज के युग में नैतिक शिक्षा का विशेष महत्व है। नैतिक शिक्षा के अभाव में व्यक्ति के लिए मशीनी युग में सफल होना मुश्किल है। पश्चिमी संस्कृति को युवा पीढ़ी अपना कर स्वयं को मॉर्डन कहलाती है। लेकिन इसके प्रभावों का हमारे जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों का लगातार हनन हो रहा है। पाश्चात्य संस्कृति ने हमारे संस्कारों को हाशिए पर धकेल दिया है। जिस प्रकार जीवन के लिए प्राणवायु की आवश्यकता है। उसी प्रकार मन के लिए नैतिक मूल्यों की आवश्यकता है। बच्चों ने मौलिक अधिकारों के विषय में निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस पश्चात स्कूल में योग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
स्कूल की पीआरओ मोनिका जैन ने बताया कि बच्चों को प्रेरात्मक कहानियों और फिल्मों के जरिए नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया गया। छात्रों को वीरों, महापुरुषों और प्रेरात्मक शख्सियतों से जुड़ी लघुफिल्में दिखाई गई।