PNN/Faridabad: राष्ट्रीय सीमेंट और भवन निर्माण सामग्री परिषद् द्वारा जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के बीटेक सिविल इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों के लिए परिषद् की फरीदाबाद इकाई में एक सप्ताह के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. दिनेश कुमार द्वारा किया गया था और आज कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय सीमेंट और भवन निर्माण सामग्री परिषद् के महानिदेशक डॉ. बी.एन. महापात्रा ने विद्यार्थियों से बातचीत की तथा विश्वविद्यालय के टीईक्यूआईपी प्रकोष्ठ द्वारा विद्यार्थियों को शैक्षणिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप तैयार करने में मददगार साबित होते है। उन्होंने विश्वविद्यालय के साथ निकट भविष्य में परस्पर अकादमिक सहयोग की संभावनाओं पर कार्य करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। कार्यक्रम के समापन पर सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये।
इस अवसर पर टीईक्यूआईपी समन्वयक डॉ. मनीष वशिष्ट, सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. एम.एल अग्रवाल, डॉ. अरूण कुमार तथा डॉ. एन.के. तिवारी भी उपस्थित रहे।
वहीं दूसरी ओर जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा (ट्राई) विद्यार्थियों के लिए दूरसंचार सेवाओं के प्रति जागरूकता के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को विश्वविद्यालय के डिजिटल इंडिया प्रकोष्ठ द्वारा ट्राई के उपभोक्ता संपर्क कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार द्वारा किया गया ।इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन दैनिक जीवन में जनसंचार का एक महत्वपूर्ण तथा प्रभावी माध्यम बन गया है। मोबाइल फोन की बढ़ती उपयोगिता ने वायरलैस सेवा प्रदात्ताओं की प्रतिस्पर्धा बढ़ाई तथा बाजार के सस्ते तथा आसानी से उपयोग होने वाले फोन आसानी से उपलब्ध हो रहे है और अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम इन सेवाओं का कितना प्रभावी उपयोग सुनिश्चित कर पाते है। उन्होंने विद्यार्थियों को कैरियर में सफलता के लिए प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग करने की सलाह दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डिजिटल इंडिया प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ. नरेश चौहान ने की तथा समन्वयन डॉ. नीलम दूहन ने किया।
कार्यक्रम के दौरान, विद्यार्थियों को मूल्य वर्धन सेवाओं, अवांच्छित वाणिज्यिक संचार, मोबाइल नम्बर पोर्टेबिलिटी, शिकायत निवारण कार्यप्रणाली, डाटा सेवाएं तथा टैरिफ से संबंधित विभिन्न उपभोक्ता केन्द्रित विनियमों, निर्देशों तथा आदेशों की जानकारी दी गई। विद्यार्थियों को विभिन्न मोबाइल ऐप जैसे ट्राई माईस्पीड ऐप, ट्राई डीएनडी 2.0 ऐप तथा ट्राई माईकॉल ऐपइ इत्यादि, टैरिफ पोर्टल तथा ट्राई द्वारा विकसित नेटवर्क कवरेज मैप की जानकारी भी दी गई और बताया गया कि इन सेवाओं का लाभ कैसे उठा सकते है। विद्यार्थियों को ट्राई के अवांच्छित वाणिज्यिक संचार अधिनियम के बारे में भी बताया गया और उन्हें ट्राई की परामर्श प्रक्रिया में हिस्सा लेकर नीति निर्धारण का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर संवाद सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें ट्राई के प्रतिनिधियों ने टेलीकॉम सेवाओं से संबंधित विद्यार्थियों की विभिन्न शंकाओं का निवारण किया, जिसमें ट्राई के सलाहकार सुनील कुमार सिंघल, संयुक्त निदेशक देवेन्द्र द्विवेदी तथा उप सलाहकार जी.एस. पंवार भी शामिल रहे।