
PNN/ Faridabad: इन फ्लू की आशंका को लेकर स्वास्थ विभाग ने प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ अधिकारी राजीव अरोरा ने बुधवार को बीके अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आदेश दिए है। उन्होंने अस्पतालों में पहुंचनें वाले जुकाम, खांसी के मरीजों की गहनता से स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे स्वाइन फ्लू के मरीजों का तुरंत इलाज किया जा सके। उन्होनें स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए उचित कार्रवाई की पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।
डिस्ट्रिक्ट मलेरिया अधिकारी, डॉ रामभगत ने बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग में मरीजों की स्क्रीनिंग के साथ साथ जागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया, जिससे स्वाइल फ्लू को फैलने से रोका जा सके। इससे बचाव में सावधानियां, हर स्तर पर जागरूकता, व्यापक जनचेतना की आवश्यकता बताई।
स्वाइन फ्लू एक सांस से जुड़ी बीमारी वाला वायरस है जो छीकने या इसके वायरस के संपर्क में आने से फैलती है। किसी व्यक्ति में स्वाइन फ्लू की पहचान करना बेहद जरूरी होता है। क्योंकी इसकी सही समय पर पहचान ना होने पर उसे गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही उसके संपर्क में आकर अन्य व्यक्तियों में भी यह संक्रमण फैल सकता है।
स्वाइन फ्लू के लक्षण-
डॉ भगत ने बताया की हल्का फ्लू या स्वाइन फ्लू में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, ठंड और कभी-कभी दस्त और उल्टी के साथ आता है. हल्के मामलों में, सांस लेने में परेशानी नहीं होती है. लगातार बढ़ने वाले स्वाइन फ्लू में छाती में दर्द के साथ उपरोक्त लक्षण, श्वसन दर में वृद्धि, रक्त में ऑक्सीजन की कमी, कम रक्तचाप, भ्रम, बदलती मानसिक स्थिति, गंभीर निर्जलीकरण और अंतर्निहित अस्थमा, गुर्दे की विफलता, मधुमेह, दिल की विफलता, एंजाइना या सीओपीडी हो सकता है।
डॉ राम भगत ने कहा कि लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। अगर किसी को स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी तरह की दिक्कत हो तो फौरन डॉक्टर से परामर्श करें। लापरवाही से उनका स्वास्थ्य और बिगड़ सकती है।
