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सिविल जजों के नाम परिवर्तन अधिनियम को किया निरस्त

PNN/Faridabad: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अनुरोध पर सिविल जजों के नाम में परिवर्तन करने के लिए 2004 की हरियाणा अधिनियम संख्या 9 द्वारा पंजाब न्यायालय अधिनियम, 1918 की धारा 18 में किए गए संशोधन को निरस्त करने का निर्णय लिया गया।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 1989 की याचिका (सिविल) संख्या 1022 में ऑल इंडिया जज एसोसिएशन और अन्य बनाम भारतीय संघ और अन्य मामले में दिए गए फैसले के मद्देनजर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 30 जुलाई 2003 को पत्र के माध्यम से पंजाब न्यायालय अधिनियम, 1918 की धारा 18 और पंजाब सिविल सेवा (न्यायिक शाखा) नियम, 1951 (हरियाणा के लिए लागू) में संशोधन करने की सिफारिश की थी ताकि सिविल जजों की नामावली में परिवर्तन किया जा सकें।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की सिफारिश पर, राज्य सरकार ने 12 मार्च 2004 की अधिसूचना के अनुसार 2004 की हरियाणा अधिनियम संख्या 9 द्वारा पंजाब न्यायालय अधिनियम, 1918 की धारा 18 में संशोधन किया था। अब, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से इस संशोधन को रद्द करने का आग्रह किया है क्योंकि सिविल जजों की वर्तमान नामावली शेट्टी आयोग द्वारा सुझायी गई सिविल जजों की नामावली की तुलना में सरल हैं।

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Shafi-Author

Shafi Shiddique