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जल्द हो सकता है बिहार के किसानों का ऋण माफ:तारिक अनवर

PNN/Faridabad: कटिहार के निवर्तमान सांसद एवं कांग्रेस के नेता तारिक अनवर ने एक बार फिर बिहार सरकार से किसानों का ऋण माफ करने की मांग की है। शनिवार को यहां प्रेसवार्ता कर उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में नव गठित कॉग्रेस की सरकार अपने वादे को पूरा करते हुए किसानों का ऋण माफ कर चुकी है । लेकिन बिहार प्रदेश में भाजपा-जदयू की सरकार इस मामले में चुप्पी क्यों साधे हुए है। 

अनवर ने कहा कि बिहार में प्राकृतिक आपदाओं के कारण साल दर साल किसानों को भारी फसल क्षति उठानी पड़ी है । इसको लेकर लगातार किसानों को राहत देने हेतु कृषि ऋण माफी की मांग होती रही है। उन्होंने कहा कि संसद सदस्य की हैसियत से हमनें कई बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कृषि ऋण माफी की घोषणा करने का अनुरोध किया। मै पुनः बिहार के किसानों की आर्थिक बदहाली को देखते हुए राजस्थान मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ की तर्ज पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कृषि ऋण अविलंब माफ कर देने की मांग कर रहा हूँ। 

उन्होंने कहा कि बिहार में आंगनबाड़ी सेविका, स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा, ममता तथा मध्यान्ह भोजन योजना के अन्तर्गत कार्यरत रसोईया, न्यायमित्र, किसान सलाहकार, टोला सेवक इत्यादी को उनके कार्यभार के अनुरूप मानदेय नहीं मिल रहा है। ये सभी कर्मी कुशल श्रमिक की श्रेणी में आते है। सरकार द्वारा कुशल श्रमिकों के लिए न्युनतम मजदूरी श्रम विभाग द्वारा निर्धारित है। वास्तविकता यह है कि इन कर्मियों को विहित न्युनतम मजदूरी भी नहीं दी जा रही है। सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर इन लोगों के मानदेय में बढ़ोतरी करनी चाहिए।

अनवर ने कहा कि कटिहार जिले में गंगा, कोशी तथा महानन्दा नदियों से कटाव की गंभीर समस्या बर्षों से बनी हुई है। हजारों परिवार मनिहारी अमदावाद बरारी कुर्सला,प्राणपुर तथा कदवा प्रखण्ड मे विस्थापित होकर खानाबदोश की जिन्दगी बीता रहे हैं। जिला प्रशासन द्वारा इन विस्थापितों को चिन्हित कर उन्हें बसोवास देने का आश्वासन कई बार दिया जा चुका है । लेकिन इसके बावजूद परिणाम शून्य है। यह अत्यन्त दुख की बात है। 

एक ओर जहाँ इन विस्थापित परिवारों की कृषि योग्य भूमि नदियों के गर्भ में समा चुकी है तथा वे गृहविहिन बने हुए है । इनके पास रोजगार का भी कोई साधन नहीं है। ऐसी स्थिति में ऐसे परिवारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार को एक समेकित योजना तैयार कर इन्हें बसोबास के साथ-साथ सम्मान जनक जिन्दगी बिताने हेतु उपाय करने होंगे। उन्होंने मनरेगा योजना को और कारगर ढंग से लागू करने के साथ इसमें पारदर्शिता लाने की भी है।

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Shafi-Author

Shafi Shiddique