बदलती जीवन शैली से पुरुषों में कम हो रही प्रजनन क्षमता: डॉ. सविता
PNN/ Faridabad: पिछले कुछ वर्षों में जीवन शैली में आए बदलाव के कारण कई प्रकार की गंभीर बीमारियों ने मनुष्य को अपनी जकड़ में ले लिया है. बदलती जीवनशैली के कारण लोगों के वैवाहिक जीवन में संतान उत्पति में आ रही है. यह एक बेहद गंभीर समस्या है जिसको समय रहते अगर दूर नहीं किया गया तो समस्या जटिल हो सकती है।
इस समस्या के समाधान के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। जिसके तहत रिवाइव आई वी एफ केयर फरीदाबाद में 8 व 9 दिसंबर से दो दिवसीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में प्रख्यात विशेषज्ञ डॉ. सविता व उनकी टीम लोगों को इस समस्या से सम्बंधित जानकारी देंगे। दोनों दिन शिविर सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक चलेगा।
आज आयोजित की गई प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए डॉ. सरिता तेवतिया ने बताया कि महिला व पुरुषों की जांच के उपरान्त जो तथ्य सामने आ रहे हैं ,उनके मुताबिक़ पुरुषों में भी प्रजनन क्षमता कम हो रही है। इस समस्या को लेकर किये जा रहे शोध में युवाओं की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी के साथ-साथ बदलता और बिगड़ता खान-पान है। तमिलनाडु के करपगा विनायक इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस की रिसर्च के आंकड़ों ने समस्त मेडिकल जगत को हैरान व चिंतित कर दिया है। रिसर्च के मुताबिक़ पिछले कुछ वर्षों में भारत में 31 फीसदी पुरुषों की प्रजनन क्षमता घटी है। जिसके कारण संतानोत्पति की समस्या के मामलों में वृद्धि हो रही है।
उन्होंने बताया कि भारत के मुक़ाबले अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर व यूरोप के विकसित देशों में यह समस्या कम है। चूँकि वहां का खान-पान शुद्ध है, खानपान में मिलावट नहीं है तथा लोग व्यायाम पर पूरा ज़ोर देते हैं। भागदौड़ भरी इस ज़िन्दगी में मानसिक तनाव के साथ-साथ डॉयबिटीज़, ब्लड प्रेशर, थायरॉएड व बढ़ता प्रदूषण जैसी बीमारियां प्रजनन क्षमता घटाने के बड़े कारण हैं। इन समस्याओं से महिलाओं को भी गर्भधारण करने में परेशानियां आ रही हैं। डॉ. सरिता ने बताया कि जो दम्पति किसी भी कारण से गर्भ धारण नहीं कर पाते, उनके लिए मेडिकल साइंस में कुछ तरीके उपलब्ध हैं
, जिनमे से टेस्ट ट्यूब बेबी सबसे अहम है। जो महिलाये नेचुरल गर्भ धारण या कंसीव नहीं कर पाती, उनके लिए आई वी एफ की तकनीक किसी वरदान की तरह है।