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ठंड में सुबह सैर पर जाते हैं तो हो जाएं सावधान,हो सकती है मौत

PNN/Faridabad: जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जाती है उसी के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक अर्थात लकवे का खतरा भी बढ़ता जाता है । ऐसे में उच्च रक्तचाप (हाई बीपी), डायबिटीज (मधुमेह) और दिल के मरीजों अपनी सेहत के प्रति अधिक सतर्क हो जाना चाहिए।

कहते हैं कि सुबह की सैर सेहत के हिसाब से सबसे अच्छी मानी जाती है परंतु कुछ लोगों को ही पता होगा की सर्दियों में सुबह सैर (मॉर्निंग वॉक) पर जाने पर बूढ़े-बुजुर्ग, रक्तचाप डायबिटीज आदि के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, जिसके चलते उन्हें अभी से अपनी सेहत की ओर विशेष ध्यान देते हुए एहतियात बरतना शुरू कर देना चाहिए।

विशेषज्ञों की मानें तो ठंड में रक्त नलिकाएं सिकुडऩे से प्रवाह में रुकावट से दिमाग की नसें फट जाती हैं। रक्त का थक्का जमने से ब्रेन की क्षमता प्रभावित होती है। शरीर के एक तरफ का अंग काम नहीं करता है। इस स्थिति को ब्रेन स्ट्रोक (लकवा) कहते हैं।

ठंड में ही क्यों सिकुडऩे लगतीं रक्त नलियां

विशेषज्ञ टीम के अनुसार ठंड बढऩे के साथ बुजुर्गों, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों की मुश्किल बढ़ने लगती हैं । सर्दियों के आते ही अस्पतालों की इमरजेंसी में ब्रेन स्ट्रोक, हाई बीपी के मरीज आने लगे हैं। इसमें दिमाग की रक्त नलिकाओं में रक्त का जमाव हो जाता है। ठंड में रक्त नलियां सिकुडऩे से हार्ट को रक्त आपूर्ति में मेहनत करनी पड़ती है। जिस कारण सर्दियों में अस्पतालों के हर वार्ड में अधिकांश ब्रेन स्ट्रोक पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लग जाती है।

आइए जानते हैं ब्रेन स्टॉक के खतरे

-40 फीसद की ब्रेन हेमरेज से तुरंत हो जाती है मौत, वजह बीपी बढऩा पाया जाता है।
60 फीसद अस्पताल पहुंचने के बाद भी अधिक ब्लीडिंग की वजह से बच नहीं पाते।
-30 फीसद युवा कुल मरीजों में, जिनकी उम्र 40 वर्ष से कम।
यह हैं लक्षण
-बोली में लड़खड़ाहट।
-शरीर के एक तरफ के हिस्से में कमजोरी।
-आधे चेहरे, एक तरफ के हाथ-पैर में कमजोरी।
-एक तरफ के हाथ-पैर काम न करना।
-सिर में तेज दर्द।
-उल्टी और चक्कर आना।
-भ्रम की स्थिति होना।
-सांस लेने में दिक्कत।
-ब्रेन में अधिक ब्लीडिंग से बेहोशी।

सर्दियों में रखें इन बातों का खास ख्याल

-हार्ट और बीपी के मरीज सुबह एकदम से ठंड में बाहर न जाएं।
-कमरे से बाहर निकलें तो गर्म कपड़े पहने रहें।
-बिस्तर छोड़ने के बाद थोड़ा व्यायाम अवश्य करें।
-सिर, हाथ-पैर अच्छी तरह ढक कर ही बाहर निकलें।

ऐसे करें बचाव

-बुजुर्ग, हाई बीपी, डायबिटीज और हार्ट के मरीज एहतियात बरतें।
-ब्लड प्रेशर नियमित रूप से चेक कराएं।
-कोलेस्ट्राल व बीपी नियंत्रित रखें।
-अचानक कमरे से बाहर न निकलें।
-ठंड में बहुत जरूरी होने पर अच्छी तरह गर्म कपड़े पहन कर बाहर जाएं।
-सुबह धूप निकलने पर मॉर्निंग वॉक पर जाएं।
-शरीर गर्म रखने के लिए नियमित व्यायाम करें।
-भोजन में नमक की मात्रा सीमित रखें।

जानें, चिकित्सकों की राय

डॉक्टरों की मानें तो सर्दियों के मौसम में हॉर्ट, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के मरीजों एवं बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। ठंड में रक्त नलिकाएं सिकुडऩे से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए खानपान से लेकर ठंड से बचाव में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। अपने डॉक्टर से मिलकर दवाओं की डोज फिक्स करा लें।घर से बाहर निकलते समय खुद को अच्छे से ढककर और गर्म कपड़े पहन कर बाहर।

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Shafi-Author

Shafi Shiddique