PNN/ Faridabad: हरियाणा में पंचायती चुनाव मामले की हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई पर आगे की तारीख दी गई है। अब अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी। ऐसे में इस साल पंचायत चुनाव न होने के आसार बन गए हैं और यदि अब सरकार चुनाव करवाती है तो उसे पुराने नियमों के तहत ही चुनाव करवाने पड़ेंगे। क्योंकि प्रदेश के पंचायत चुनाव में आरक्षण के प्रावधान के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोई में केस दायर किया हुआ है। मौजूदा समय में कोर्ट ने सुनवाई को स्थगित करते हुए 30 नवंबर का समय अगली सुनवाई के लिए दिया है।
प्रदेश में 23 फरवरी से पंचायतों का कार्यकाल समाप्त है। अब उनके स्थान पर प्रशासक लगाए गए हैं। जो विकास कार्यों व अन्य कामों को करवा रहे हैं। ऐसे में अब नए प्रत्याशी चुनावों होने का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में 22 जिला परिषद, 142 पंचायत समिति और 6305 पंचायतों में सरपंच-पंच पदों पर चुनाव होने हैं।
कोर्ट आदेश दे, 13 याचिकाएं दर्ज. सरकार ने कोर्ट में कहा कि वे प्रदेश में चुनाव करवाने को तैयार हैं। इसके लिए कोर्ट उन्हें आदेश दे, क्योंकि पंचायती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के तहत कुछ प्रावधानों में बदलाव किया था। जिन्हें कोर्ट में चुनौती दी गई है। अब तक 13 याचिकाएं दर्ज हो चुकी हैं।
आरक्षण को दी गई है चुनौती 15 अप्रैल को मुख्य केस में याचिकाकर्ता ने कहा कि चुनाव पुराने नियमों के तहत करवाए जाने चाहिए। क्योंकि नए प्रावधान में 8 प्रतिशत सीटें बीसी-ए वर्ग के लिए आरक्षित की गई है। यह किया गया कि न्यूनतम सीटें 2 से कम नहीं होनी चाहिए। जो संभव नहीं हैं। जिला परिषद में 6 जिले ही इस नियम पर खरे उतरे रहे हैं। बाकी जिलों में एक सीट अतिरिक्त जाएगी। इससे आरक्षण बिगड़ रहा है। जो सरकार की मनमानी को दर्शाता है। वहीं नियम महिलाओं को 50 फीसदी सीटें देने का बनाया गया है।
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