PNN/ Faridabad: स्वच्छता अभियान को साकार करते हुए गांव कांगरका, तहसील तावडू-नूंह, जिला मेवात के मुस्लिम समाज के लोगों ने गांव की कब्रिस्तान को इस कदर साफ-सुथरा कर उसमें गार्डन बना दिया है जो आज मिसाल बना हुआ है. लोग कब्रिस्तान को देखने दूरदराज से पहुंच रहे हैं और गांववासियों की इस सराहनीय कार्य की जमकर चर्चा हो रही है.
आमतौर पर कब्रिस्तान शब्द सुनते ही खाई, मिट्टी और झाड़ियों से घिरा हुआ एरिया का दृश्य हमारे जेहन में चलता रहता है, लेकिन कांगरका गांव के कब्रिस्तान को देखकर यकीनन आप कहेंगे कि कब्रिस्तान में नहीं बल्कि किसी गार्डन में है.
दरअसल, कब्रिस्तान को एक गार्डन की शक्ल और उसकी रखरखाव की दूरगामी सोच गांव के सरपंच अब्दुल सत्तार की अगुवाई में लगभग 4 वर्ष पहले शुरू हुआ. सबसे पहले उक्त कब्रिस्तान की चारदीवारी की गई. उसके बाद उसमें खाली जगहों में मिट्टी की भराई कर उनपर फूल-पत्तियां लगा दी गई. अब आलम यह है कि मुस्लिम समुदाय और आसपास के मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे कब्रिस्तान को पार्क की तरह खूबसूरती से सजाने के लिए अपना श्रमदान करते हैं. कब्रिस्तान में एक से बढ़कर एक फूलों की क्यारियां लगाई गई हैं जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.
सभी के सहयोग से हजारों का काम हो रहा है फ्री में समाधान
कब्रिस्तान को गार्डन के रूप में परिवर्तन किए जाने के बाद लाजमी तौर पर उसके रखरखाव और साफ-सफाई के लिए मजदूर लगाने की जरूरत पड़ती. जिसके लिए मोटी रकम चुकानी पड़ती, लेकिन मदरसों के बच्चे और स्थानीय लोग एक साथ मिलकर कब्रिस्तान की सफाई कर हजारों के खर्च को बचाया जा रहा है.
इससे बेहतर कुछ और नहीं: जमीयत उलेमा फरीदाबाद
गांव की कब्रिस्तान को देखने गए जमीयत उलेमा फरीदाबाद के पदाधिकारियों में मौलाना जमालुद्दीन, जिलाध्यक्ष-जमीयत उलेमा फरीदाबाद, उपाध्यक्ष-मौलाना इकबाल, जनरल सेक्रेटरी- मौलाना इनामुल हसन, सदस्य हाफिज सऊद हमद आदि ने गांव के सरपंच अब्दुल सत्तार और कब्रिस्तान में कार्यरत असगर अली के साथ-साथ स्थानीय लोगों के इस पहल की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि श्रमदान का इससे बेहतर कोई और स्थान नहीं हो सकता है. उक्त पदाधिकारियों ने कहा कि धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों की सफाई कर कांगरका गांव से लोगों को स्वच्छता का संदेश देने का कार्य किया जा रहा है.
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