PNN/ Faridabad: अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा फरीदाबाद द्वारा जिला कार्यालय, नंगला एनक्लेव पार्ट-2, फरीदाबाद में गुर्जर सम्राट भोज परमार की जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई.
गुर्जर सम्राट भोज परमार की जयंती पर गुर्जर समाज के तमाम लोगों इकट्ठा हुए. जिसमें मेहरचंद हरसाना, बसपा नेता एवं समाजसेवी वार्ड-9 ने गुर्जर सम्राट भोज परमार की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के उपरांत कहा कि गुर्जर जाति के चार प्रसिद्ध राज कुल प्रतिहार, परमार, चालुक्य और चौहान थे. गुर्जर प्रतिहार सम्राटों के अधीन सामन्तों में परमार गोत्र के गुर्जर भी थे. आबू चन्द्रावती अवन्ती उज्जैन धारानगरी (मालवा) आदि कई प्रमुख राज्यों की स्थापना परमार गुर्जरों ने की थी. आबू के परमार सामन्त और मालवा के परमार सामन्त गुर्जर प्रतिहार सम्राटों के बहुत वफादार रहे थे, गुर्जर परमार शासकों में महाराजा गुर्जर भोज परमार ने चारों तरफ दिग्विजय हासिल किया.
मेहरचंद हरसाना ने यह भी कहा कि गुर्जर भोज परमार मालवा का (1010-1055) शासक का पैंतालीस वर्ष रहा. उसकी राजधानी धारा नगरी थी और जनता उसे भोज महाराज के नाम से जानती थी, उसके राज दरबार में कवियों, विद्धानों तथा साहित्यकारों का बहुत आदर होता था और भारत भर के विद्वान आदर पूर्वक भोज महाराज से आर्थिक सहायता प्राप्त करते थे, इन विद्वानों ने अपना प्रसिद्ध ग्रन्थ रचनाओं में सम्राट भोज परमार की भूरि-भूरि प्रशंसा की है जिससे भोज परमार का नाम अमर हो गया है.
हरसाना ने कहा कि जो हमारे भोज परमार थे उन्होंने 45 साल तक बड़ा अच्छा सुशासन राज किया था. वह हमें प्रेरणा देता है कि धर्म की बात करें, अन्याय से दूर रहें, अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें, संगठित रहें, संघर्ष करें और शिक्षा के तरफ जोर दें जिससे कि हमारा समाज आगे बढ़े. क्योंकि शिक्षा आएगी तो हम जो दुष्कर्म बच्चों में देख रहे हैं, पनप रहा है नशे व विभिन्न तरह की गलत गतिविधियों में लिप्त हो रहे हैं, उनसे वे दूर रहें और बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे तो हमारा गुर्जर परिवार बहुत आगे बढ़ेगा, संगठित रहेंगे और तरक्की करेंगे.
इस अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के फरीदाबाद राष्ट्रीय महामंत्री गौरव तंवर राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेश फागना, मामचंद प्रधान, उत्तराखंड जिला अध्यक्ष महेश लोहमोड, राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ऋषिराज चपराना गुर्जर, हरिंदर नंबरदार, पप्पू गुर्जर जिला उपाध्यक्ष, आजाद मावी जिला प्रचारक, ओम प्रकाश भडाना, नीरज बैसला, तुषार फ़गना, रवि नागर सुभाष पवार, सुभाष प्रधान, प्रेम सिंह भड़ाना, ओम प्रकाश मावी, सुमित रावत आदि उपस्थित थे.
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