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अशोक तंवर तृणमूल कांग्रेस में शामिल, ममता बनर्जी ने कराई जॉइनिंग

PNN/ Faridabad: राहुल गांधी के करीबी रह चुके हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ अशोक तंवर (Dr Ashok Tanwar) दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) जॉइन कर ली। शाम 5:45 बजे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साउथ एवेन्यू में अपनी पार्टी के एक सांसद के आवास पर अशोक तंवर को पार्टी में शामिल किया। इससे पहले तंवर ने दिल्ली में साउथ एवेन्यू स्थित अपने ‘अपना भारत मोर्चा’ कार्यालय में समर्थकों से मीटिंग की। मीटिंग में उनकी पत्नी अवंतिका तंवर भी शामिल हुईं।

विधानसभा चुनाव से पहले छोड़ी कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए अशोक तंवर का पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ 36 का आंकड़ा था। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में पार्टी में टिकट वितरण को लेकर अशोक तंवर की भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ गहमागहमी हो गई थी। तंवर अपने समर्थकों की टिकट कटने से नाराज थे। फिर अशोक तंवर ने हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया और पार्टी भी छोड़ दी।

दिल्ली में किसान यात्रा में हुड्डा समर्थकों से हुआ था झगड़ा

कांग्रेस में रहते हुए अशोक तंवर और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ 36 का आंकड़ा रहा। वर्ष 2016 में दिल्ली में राहुल गांधी की किसान यात्रा के दौरान अशोक तंवर और पूर्व सीएम के समर्थक भिड़ गए थे। तब अशोक तंवर की गर्दन पर चोट भी आई थी। तंवर ने हुड्‌डा समर्थकों पर हमला करने का आरोप भी लगाया। यह मामला कांग्रेस हाईकमान के पास भी पहुंचा। इसके बाद पार्टी ने इस पर रिपोर्ट भी तलब की, लेकिन हुड्‌डा समर्थकों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ किया था प्रचार
हरियाणा विधानसभा 2019 के चुनाव में टिकट वितरण से नाराज होने के बाद तंवर ने पार्टी छोड़ दी। चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ प्रचार किया। जजपा में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को समर्थन दया। वहीं ऐलनाबाद सीट पर 2019 के चुनाव में इनेलो के अभय सिंह का समर्थन किया। 2021 में ऐलनाबाद उपचुनाव में भी अभय सिंह का समर्थन किया।
सांसद रहते हुए वर्ष 2011 में अशोक तंवर की तत्कालीन हरियाणा के गृह मंत्री गोपाल कांडा के साथ भी अनबन रही। मौजूदा बिजली मंत्री रणजीत सिंह भी तब कांग्रेस में थे। वे हुड्‌डा खेमे के थे। रणजीत सिंह ने उन पर टिप्पणी की थी, जिस पर अशोक तंवर समर्थकों ने रणजीत का पुतला फूंका था। 2019 के विधानसभा चुनाव में रणजीत सिंह ने रानियां विधानसभा सीट पर कांग्रेस की टिकट न मिलने का आरोप भी अशोक तंवर पर लगाया था। इसके बाद कांग्रेस छोड़कर रणजीत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़े थे और जीते।

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Shafi-Author

Shafi Shiddique