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खोरी के बाद अब पांच सितारा होटल और आवासीय सोसायटी भी तोड़फोड़ के दायरे में…मचा हड़कंप

PNN/ Faridabad: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अरावली वन क्षेत्र (Aravalli Forest Area) व पीएलपीए नोटिफाई जमीन में सभी अवैध निर्माण हटाए जाने को लेकर हड़कंप मच गया है। अवैध निर्माण ढहाने के आदेश की जद में फार्म हाउस के अलावा पांच सितारा होटल, धार्मिक, शैक्षणिक संस्थान और कुछ आवासीय सोसायटी भी आ रही हैं। ऐसे में सबकी चिंता बढ़ गई है और इनके संचालक अब कानूनविदों से राय ले रहे हैं कि किस तरह से उनके संस्थान बच सकते हैं। वन विभाग ने शुक्रवार से अवैध निर्माणकर्ताओं को नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं। नोटिस में अवैध निर्माण स्वयं हटाने के लिए कहा गया है।

बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को खोरी मामले में सुनवाई के दौरान अरावली वन क्षेत्र में अन्य अवैध निर्माण का सफाया करने के आदेश दिए हैं। आदेश के बाद बुधवार को जिला उपायुक्त यशपाल यादव, निगमायुक्त डा.गरिमा सिंह, पुलिस उपायुक्त डॉ. अंशु सिंगला व जिला वन अधिकारी राजकुमार ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता कर चार दिन के अंदर नोटिस भेज कर उसके बाद कार्रवाई करने की बात कही थी।
सबसे अधिक निर्माण अनंगपुर के रकबे में
वन विभाग के अनुसार अरावली में करीब 140 अवैध निर्माण हैं। इनमें सबसे अधिक निर्माण अनंगपुर गांव की राजस्व संपदा के अंतर्गत आते हैं। इनकी संख्या करीब 80 बताई गई है। बाकी निर्माण अनखीर, बड़खल और मेवला महाराजपुर की राजस्व संपदा में हैं। यहां जमीन खरीदने में एनसीआर के बड़े-बड़े लोग शामिल हैं। वन विभाग का दावा है कि अरावली में करीब 500 हेक्टेयर पर कब्जा है।
ड्रोन से स्पष्ट होगी स्थिति
वन विभाग जल्द अरावली में ड्रोन से सर्वे कराएगा। इसके बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। खोरी में तोड़फोड़ से पहले और बीच में भी ड्रोन द्वारा सर्वे कराया गया था। इस सर्वे में निर्माणों की संख्या सामने आई थी। वैसे भी तोड़फोड़ से पहले और बाद की कार्रवाई के रिकार्ड के लिए ड्रोन सर्वे जरूरी है। इसे सर्वे को सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कांत एन्क्लेव, खोरी और अब इनकी बारी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से ही कांत एन्क्लेव में 44 आलिशान कोठियों को तोड़ा जा चुका है। अब खोरी में हजारों मकानों का सफाया किया जा रहा है। इसलिए अरावली में अवैध निर्माणकर्ताओं को पूरा डर है कि कार्रवाई तो जरूर होगी। इसलिए उनकी नींद उड़ गई है। जिला प्रशासन भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बेहद गंभीरता से लेते हुए तोड़फोड़ शुरू करने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस और वन विभाग संयुक्त रूप से कार्रवाई करेंगे।
राजकुमार (जिला वन अधिकारी, फरीदाबाद) का कहना है कि अगले सप्ताह से कार्रवाई शुरू होनी है। इसकी तैयारी की जा रही है। अवैध निर्माणकर्ताओं को स्वयं अपने निर्माण हटाने की सलाह दी जा रही है। अगले तीन दिन तक सभी निर्माणकर्ताओं को नोटिस भेज दिए जाएंगे।

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Shafi-Author

Shafi Shiddique