सूरजकुंड मेला: राजस्थानी कलाकारों ने कर दी सबकी दांत खट्टा
PNN/ Faridabad: दिल्ली एनसीआर में स्थित फरीदाबाद में चल रहे 16 दिवसीय 34वें अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेंले में शनिवार को सांय आयोजित राजस्थानी सांस्कृतिक संध्या में राजस्थान के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक मंत्रामुग्ध हो गये।
दिल्ली में राजस्थान पर्यटक स्वागत केन्द्र की अतिरिक्त निदेशक डॉं. गुणजीत कौर ने बताया कि मेले के चौपाल मंच पर दो घंटे से भी अधिक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में राजस्थान की विश्व प्रसिद्ध कालबेलियां नृत्यांगनाओं सहित प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आये लोक कलाकारों ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक नयनाभिराम प्रस्तुतियां देखने में मग्न हो गये।
कलाकारों के भवई नृत्य, कच्छी घोड़ी नृत्य आदि को दर्शकों ने खूब सराहा।
उन्होंने बताया कि जोधपुर के रफीक लंगा द्वारा प्रस्तुत खडताल वादन एवं गायन और भरतपुर के गफरूद्दीन मेवाती द्वारा प्रस्तुत भपंग वादन ने दर्शकों को पूर्ण आनंदित किया।
डॉं. कौर ने बताया कि जयपुर की मोरू सपेरा के कालबेलियां नृत्य और बूंदी जिले के हरिषंकर नागर और उनके सहयोगियों द्वारा प्रस्तुत कच्छी घोड़ी पर उपस्थित दर्शकों ने खूब तालियां बजाई।
सांस्कृतिक संध्या का संचालन जैनेन्द्र सिंह ने किया।
डॉं. कौर ने बताया कि मेले में आगामी राजस्थानी सांस्कृतिक संध्या का आयोजन 15 फरवरी को भी किया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में पर्यटन विभाग के पर्यटक स्वागत केंद्र दिल्ली की सहायक निदेशक श्रीमती सुमिता मीना ने दर्शकों एवं विशिष्ट अतिथियों का आभार व्यक्त किया।