संकट की घड़ी में किसान भाइयों के साथ खड़ा होना जरूरी: मौलाना सत्तार
PNN/ Faridabad: केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए 3 कृषि बिलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आह्वान पर 8 दिसंबर को भारत बंद (Bharat Bandh) के लिए आज बड़खल विधानसभा के लक्कड़पुर मुख्य बाजार में डोर-टू-डोर जनसम्पर्क कर दुकानदारों से दुकाने बंद करने की अपील की गई. मौलाना अब्दुल सत्तार रब्बानी, नायब सदर जमीयत उलेमा हिंद- फरीदाबाद के नेतृत्व में गुलाब, नासिर, अखलाक, शमशु आदि लोगों ने दुकानदारों से मिलकर दुकानें बंद रखने की अपील करते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में हम सबको मिलकर किसान भाईयों के साथ खड़ा होने की जरूरत है. सभी ने किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए किसानों की सभी मांगों को जायज करार दिया है.
इस मौके पर मौलाना अब्दुल सत्तार रब्बानी ने PNN से बात करते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी विडंबना है कि हमारा देश कृषि प्रधान है फिर भी आज कृषि कानूनों को बनाने से पूर्व किसानों की राय नहीं ली जाती. कानून बनाते समय ऐसे किसान संगठनों को बुलाया जाता है, जिन्हें उनकी पूरी जानकारी तक नहीं होती, जिसके चलते वह किसानों के हित और अहित को सही प्रकार से नहीं रखते. उन्होंने कहा कि किसानों के इस आंदोलन से समाज के अन्य वर्ग भी प्रभावित हो रहे है, सड़कों पर लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन के चलते एक बॉर्डर से दूसरे बॉर्डर तक जाने के लिए लोगों को मशक्कत करनी पड़ रही है. सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे तुरंत हल करना चाहिए और किसानों की सभी मांगों को तुरंत मानते हुए उनके इस आंदोलन को बंद करवाना चाहिए. मौलाना सत्तार ने आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को रद्द किए जाने की भी मांग की.
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