PNN/ Faridabad: फरीदाबाद जिले की बेटी सौम्या आनंद (Saumya Anand) ने पहली ही बार में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 492वां स्थान प्राप्त किया है। परिणाम जारी होने के बाद से ही सौम्या के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। इस मौके पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी वार्ड-9 मेहरचंद हरसाना- प्रधानजी संग बसपा जिला अध्यक्ष मनोज चौधरी, सरदार उपकार सिंह- लोकसभा प्रभारी, मुन्नीलाल दीपीया -विधानसभा प्रभारी, सीताराम पोसवाल, रवि बैसला, महावीर प्रसाद, विधानसभा अध्यक्ष- एनआईटी व समस्त बसपा फरीदाबाद टीम ने आज सौम्या के निवास स्थान सेक्टर-2 पहुंच कर बधाई दी। सौम्या आइएएस बनकर महिला सशक्तीकरण की दिशा में कार्य करने का इरादा रखती हैं। इसके लिए वह महिलाओं की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देंगी। मेहरचंद हरसाना ने सौम्या को बधाई देते हुए कहा कि फरीदाबाद की बिटिया ने जिले का और हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन किया है। सौम्या युवाओं के लिए आदर्श बन गई है। उनसे प्रेरणा लेकर और लड़कियां शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी।
हरसाना ने आमजन को यह संदेश देते हुए कहा कि बेटियां देश व समाज की आन, बान व शान हैं। बेटियां समाज व देश का आइना हैं। तमाम बेटियों ने अपने कार्यों से पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन किया है। इसलिए बेटा-बेटी के बीच किसी प्रकार का भेदभाव किसी को नहीं करना चाहिए। बेटियां संस्कार को संवारने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। तमाम बेटियां ऐसी हैं, जो अपने दम पर अपने परिवार को चला रही हैं। व्यापार से लेकर राजनीति तक में बेटियों ने डंका बजवाया है। ऐसे में जो लोग बेटियों के प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं, उन्हें इसमें बदलाव लाना होगा।
आपको बता दें, मूलरूप से तिगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव भुआपुर की रहने वाली सौम्या ने इंजीनियर की पढ़ाई भी की है। वर्तमान में सौम्या परिवार सहित सेक्टर-2 में रह रही हैं। खास बात यह है कि गांव भुआपुर से ही चंद्र सिंह आइएएस रहे हैं और प्रदेश के चुनाव आयुक्त सहित विभिन्न पदों पर रह चुके हैं। सौम्या उन्हीं को अपना आदर्श मानती हैं। सौम्या के पिता राजेंद्र सिंह भुआपुर गांव में आनंद पब्लिक स्कूल के संचालक हैं, जबकि मां सुनीता गृहिणी हैं। इंजीनियरिग कर नौकरी के प्रस्ताव ठुकराए और यूपीएससी की तैयारी की।
दिल्ली टेक्नोलाजिकल यूनिवर्सिटी से बीटेक कर इंजीनियर बनने के बाद सौम्या को अच्छी कंपनियों से नौकरी के भी प्रस्ताव आए, पर उसने विनम्रतापूर्वक नौकरी के प्रस्ताव नकार कर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। स्कूली शिक्षा में 10वीं कक्षा में 10 सीजीपीए और 12वीं कक्षा में 92.4 फीसद अंक प्राप्त करने वाली सौम्या की लगन व मेहनत काम आई और पहले ही प्रयास ही यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करने में कामयाब रहीं।
सौम्या के पिता राजेंद्र सिंह ने बताया कि इंजीनियरिग की पढ़ाई के दौरान यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिग ली थी, लेकिन यूपीएससी की कोचिग और इंजीनियरिग की पढ़ाई दोनों को पर्याप्त समय नहीं दे पा रही थी। ऐसे में कोचिग छोड़कर इंजीनियरिग पूरी की और इसके बाद खुद ही यूपीएससी की तैयारी की। वर्ष 2019 में सौम्या की आयु 20 वर्ष की होने की वजह से परीक्षा में शामिल नहीं हो पाई और 2020 में पहली बार परीक्षा दी थी। सौम्या ने कोरोना को भी तैयारी में बाधा नहीं बनने दिया। उन्होंने टेस्ट सीरीज, पुराने प्रश्नपत्रों और आनलाइन क्लासेज के जरिए सफलता की ओर कदम बढ़ाए। भुआपुर की दूसरी आइएएस बनेंगी सौम्या
सौम्या ने बताया कि उनके पिता बचपन में बताया करते थे कि भुआपुर के चंदर बाबू पहले आइएएस थे। इसके बाद गांव से कोई आइएएस नहीं बना। उस समय सौम्या ने आइएएस बनने का फैसला किया था और उन्हें ही आदर्श मानती हैं।
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