PNN/ Faridabad: दिल्ली से सटे जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद व महेंद्रगढ़ सहित हरियाणा में सरकारी स्कूलों की निगरानी करने वाली स्कूल प्रबंधन कमेटियां (SMC) नए सिरे से गठित होंगी। एसएमसी में 50 फीसद महिलाएं शामिल की जाएंगी। बीते वर्षों में राष्ट्रीय पर्व पर ध्वजारोहण करने वाली गांव की सबसे पढ़ी-लिखी बेटियों को एसएमसी में मनोनीत सदस्य बनाया जाएगा।
मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारियों, जिला परियोजना समन्वयक, खंड शिक्षा अधिकारियों, स्कूल मुखिया और प्रभारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार स्कूलों के आय-व्यय का सोशल आडिट भी कराएगी।
स्कूल मुखियाओं, एसएमसी प्रधान व शिक्षकों को तीन दिन के भीतर वर्ष 2020-21 में सभी स्रोतों से प्राप्त आय और व्यय का पूरा ब्योरा तैयार करने को कहा गया है। 25 जुलाई को इसे एसएमसी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। सोशल आडिट में बताना होगा कि स्कूल को कुल कितनी राशि प्राप्त हुई। किस कार्य के लिए मिली राशि कब आई, किस विभाग ने भेजी, राशि के खर्च की स्थिति और यदि बकाया है तो क्या कारण है।
एसएमसी में 75 फीसद सदस्य विद्यार्थियों के अभिभावक या संरक्षक होंगे। जिन बच्चों ने इसी साल स्कूलों में दाखिला लिया है और जो फीस के दायरे में आते हैं, उनके अभिभावकों को एसएमसी में शामिल करना जरूरी है। एसएमसी की इस सत्र की पहली बैठक अगले रविवार को कोविड मानकों के तहत संबंधित स्कूलों में होगी।
एसएमसी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अभिभावकों व संरक्षकों में से ही चुने जाएंगे। एसएमसी में 300 बच्चों तक वाले स्कूलों में 12, 500 बच्चों वाले स्कूलों में 16 और 700 बच्चों वाले स्कूलों में 20 सदस्य होंगे। इससे अधिक विद्यार्थी होने पर हर 100 बच्चों पर एक अतिरिक्त सदस्य मनोनीत किया जाएगा। समिति महीने में एक बैठक कर पूरा लेखा-जोखा अभिभावकों को उपलब्ध कराएगी।
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