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देश की पहली महिला एंबुलेंस चालक की तमिलनाडु में नियुक्ति, इस वजह से बनी एंबुलेंस चालक

PNN India: तमिलनाडु में एंबुलेंस ड्राइवर के तौर पर एक महिला की नियुक्ति की गयी है। राज्य सरकार ने दावा किया है कि देश में पहली बार एंबुलेंस ड्राइवर के तौर पर महिला की नियुक्ति हुई है। मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने राज्य में आपात सेवा को मजबूत बनाने की कवायद के तहत 118 एंबुलेंस को रवाना किया। एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि एम वीरालक्ष्मी को ‘डायल 108 एंबुलेंस सेवा’ का ड्राइवर नियुक्त किया गया और देश में एंबुलेंस ड्राइवर के तौर पर महिला की ‘पहली’ नियुक्ति है।

90 एंबुलेंस जीवन रक्षक मेडिकल उपकरणों से सुसज्जित हैं। 10 टेक वाहन 10 सरकारी ब्लड बैंकों द्वारा शिविरों में जमा रक्त को लाने-ले जाने में इस्तेमाल किए जाएंगे। 18 एंबुलेंस एक इंटरटेनमेंट टेलीविजन चैनल समूह द्वारा कोविड-19 से निपटने में मदद को दी गई हैं। इन सभी को हरी झंडी दिखाई गई। 

                                                   

बता दें कि 24 मार्च को मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने विधानसभा में 108 एंबुलेंस आपात सेवा को और मजबूत करने की घोषषणा की थी। इस सेवा में 125 करोड़ रुपये की लागत से 500 नई एंबुलेंस शामिल करने की घोषषणा की गई थी। पहले चरण में 90 एंबुलेंस और 10 रक्त संग्रह वाहन लांच किए गए हैं। इसपर अनुमानित लागत क्रमश: 20.65 करोड़ रुपये और 3.09 करोड़ रुपये आई है।

महिला एंबुलेंस चालक मुथुकुमार वीरलक्ष्मी ने कहा…

“वास्तव में, मुझे नहीं पता था कि मैं इतनी बड़ी जिम्मेदारी के लिए नियुक्ति की जाऊंगी, एंबुलेंस चालक की जिम्मेदारी मिलने के बाद मुझे बेहद खुशी है.”

ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के बाद 2015 में चार-पहिया वाहन चलाना शुरू कर दिया, तीन साल तक शहर के चारों ओर एक टैक्सी चलाई. एक ड्राइवर होने के नाते, मुझे सड़क का कोई डर नहीं है। लेकिन मैं केवल आय के लिए गाड़ी नहीं चलाना चाहती थी। मैं किसी तरह लोगों की सेवा करना चाहती थी, इसलिए एक एम्बुलेंस चालक बनना चाहती थी.”

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Shafi-Author

Shafi Shiddique