Pnn/Faridabad: आयुष्मान एवं चिरायु कार्डों के जरिए मरीजो का इलाज करने वाले निजी अस्पतालो के बिलों का भुगतान नहीं होने पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) ने हरियाणा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आईएमए प्रेसिडेंट अजय महाजन, आयुष्मान कमेटी के अध्यक्ष सुरेश अरोड़ा और ओनेरेरी सेक्रेटरी धीरेंद्र सोनी (Secretary Dhirendra Soni ) ने आयुष्मान भारत हरियाणा के सीईओ को पत्र लिखा है। पत्र में कहा कि 18 जनवरी को उनकी सीईओ से बहुत ही सौहार्दपूर्ण मुलाकात हुई थी। जिसमें उन्होंने आयुष्मान सूचीबद्ध अस्पतालों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद 29 जनवरी को आपके कार्यालय से भी एक ईमेल आया, जिसमें फिर से सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। दुर्भाग्य से, इस संबंध में कोई और कार्रवाई नहीं की गई है। यह काफी निराशाजनक है और इससे पैनल में शामिल अस्पतालों में असंतोष फैल गया है।
इसके अलावा, हमें अखबारों की रिपोर्टों से पता चला है कि अब हरियाणा सरकार इस योजना में 10 लाख तक की वार्षिक आय वाले लोगों को शामिल करने की योजना बना रही है। यह हितधारकों से बिना किसी परामर्श या जानकारी के किया गया है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज के गरीबों के लिए बनाई गई एक योजना अब गरीब मरीजों और धर्मार्थ दरों पर उनका इलाज करने वाले सूचीबद्ध अस्पतालों की कीमत पर सरकार की आय का लक्ष्य बन गई है।
आयुष्मान पैनल में शामिल अस्पतालों ने हमसे अपनी निम्नलिखित मांगें आपको बताने के लिए कहा है
1.सभी लंबित भुगतान तुरंत निपटाए जाने चाहिए।
2.पैकेज 2022 का कार्यान्वयन तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा और वार्षिक वृद्धि नियमित रूप से की जाएगी।
3.अनुचित कटौती को रोकने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाना चाहिए।
4.चिरायु कार्ड दरें बढ़ाई जानी चाहिए और हरियाणा सरकार के कर्मचारियों की दरों के बराबर होनी चाहिए।
5.शिकायत निवारण की उचित पद्धति स्थापित की जानी चाहिए।
आ रही समस्याओं को देखते हुए निम्नलिखित निर्णय भी लिए गए.
मार्च 2024 से चर्चा के बाद दरों को अंतिम रूप दिए जाने तक चिरायु कार्ड मान्य नहीं किए जाएंगे। 29 फरवरी 2024 तक के सभी लंबित भुगतान 15 मार्च 2024 तक अवश्य चुकाए जाने चाहिए, अन्यथा 16 मार्च 2024 से आयुष्मान कार्ड भी मान्य नहीं होंगे।
हमारी आपसे मांग है कि इस मामले पर जल्द से जल्द कोई सख्त कदम उठाएं जाए ताकि सरकारी उदासीनता के कारण गरीब मरीजों को कोई परेशानी न हो और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों की योजना भी प्रभावित न हो।