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देश के टॉप डॉक्टरों ने बताया कोरोना संकट में क्या करें

PNN/ Faridabad: देश में कोरोना से खराब हालातों के बीच देश के टॉप डॉक्टर्स एक बार फिर से कोविड से संबंधित मुद्दों पर बात किए. इस बातचीत में दिल्ली AIIMS के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) समेत देश के चार बड़े डॉक्टर शामिल थे. इसमें मेदांता अस्पताल के चेयरमैन, डॉ. नरेश त्रेहान (Dr Naresh Trehan), मेडिसिन एम्स के प्रोफेसर और एचओडी डॉ. नवीन विग (Dr Naveet Wig), और डायरेक्टर जनरल स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सुनील कुमार (Dr Sunil Kumar) कोरोना पर डॉ. गुलेरिया से चर्चा किए.

कोरोना आम संक्रमण है- डॉ रणदीप गुलेरिया

इस दौरान डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की मौजूदा स्थिति में जनता में पैनिक है, लोगों ने घर में इंजेक्शन, सिलेंडर रखने शुरू कर दिए हैं, जिससे इनकी कमी हो रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना आम संक्रमण है, 85-90% लोगों में ये आम बुखार, जुकाम होता है. इसमें ऑक्सीजन, रेमडेसिविर की जरूरत नहीं पड़ती है. डाॅ.रणदीप गुलेरिया ने कहा कि जो मरीज घर हैं और जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से ज्यादा  है उन्हें रेमडेसिविर की कोई जरूरत नहीं है और अगर आम रेमडेसिविर लेते हैं तो उससे आपको नुकसान ज्यादा हो सकता है, फायदा कम होगा.

समय पर सही दवा देने से 90 प्रतिशत मरीज घर पर ठीक हो सकते हैं: डॉक्टर त्रेहान

इस दौरान मेदांता अस्पताल के डॉक्टर नरेश त्रेहान ने कोरोना महामारी पर चर्चा करते हुए कहा कि जैसे ही आपकी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, मेरी सलाह होगी कि आप अपने स्थानीय डॉक्टर से सलाह लें, जिसके साथ आप संपर्क में हैं. सभी डॉक्टर प्रोटोकॉल जानते हैं और उसी के अनुसार आपका इलाज शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि समय पर सही दवा दी जाए तो 90 फीसदी मरीज घर पर ठीक हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे स्टील प्लांट की ऑक्सीजन की बहुत क्षमता है लेकिन उनको ट्रांसपोर्ट करने के लिए क्रायो टैंक की जरूरत होती है जिसकी तादाद इतनी नहीं थी. लेकिन सरकार ने आयात कर लिए हैं, उम्मीद है कि आने-वाले 5-7 दिन में स्थिति काबू में आ जाएगी.

खबरों पर इतना ध्यान ना दें, चुनिंदा खबर देखें: डॉ सुनील कुमार

डॉ सुनील कहा कि खबरों पर इतना ध्यान केंद्रित न करें, केवल चुनिंदा खबर देखें. देश में एक व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी चल रही है. इस पर ध्यान न दें. जिम्मेदारी से व्यवहार का पालन करें. इस व्यवहार को डॉक्टरों और समाज के साथ-साथ मीडिया को भी पालन करना होगा.  उन्होंने कहा कि टीकों को लेकर कई तरह की अफवाह फैली हुई है. मैं बताना चाहता हूं कि इसके कोई गंभीर दुष्परिणाम नहीं है, बल्कि यह नगण्य है. वैक्सीन और कोरोना का उपयुक्त व्यवहार दो विकल्प हैं जो हमें चेन को तोड़ने में मदद करेंगी.

हमें कड़े प्रतिबंध लगाने पड़ेंगे: डॉ. नवनीत

एम्स के एचओडी ऑफ मेडिसिन डॉ. नवनीत ने कहा कि दिल्ली में आज संक्रमण दर 30 फीसदी है, मुंबई में एक दिन 26 फीसदी था और मुंबई में कड़े प्रतिबंध लगाए गए तो संक्रमण दर 14 फीसदी हो गया. हमें कड़े प्रतिबंध लगाने पड़ेंगे.

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Shafi-Author

Shafi Shiddique