औधोगिक प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री ने की वीडियो कॉन्फ्रेंस…इन मुद्दों पर बनी सहमति
PNN/ Faridabad: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उद्योग प्रबंधकों को आश्वस्त किया है कि लॉकडाउन के कारण बंद पड़े औद्योगिक संस्थानों को पुनः आरंभ कराने की प्रक्रिया में यथासंभव सहयोग दिया जाएगा।
यहां प्रदेश के औद्योगिक प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस में बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने बिजली संबंधी बिल जमा कराने की अंतिम तिथि 15 मई से बढ़ाकर 31 मई तक करने की घोषणा की। इसके साथ ही उपभोक्ताओं द्वारा दिए गए सिक्योरिटी डिपाजिट का दो माह का ब्याज आगामी बिलों में एडजस्ट किया जाएगा। फिक्स्ड एनर्जी चार्ज में दी गई 25% राहत की अवधि भी 2 माह से बढ़ाकर 3 माह तक करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की। मुख्यमंत्री ने वेतन के लिए दिए जाने वाले ऋण पर 6 माह तक तक 8% ब्याज दर सरकार द्वारा देने की घोषणा को भी दोहराया। औद्योगिक प्रतिनिधियों की विभिन्न मांगों पर मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि औद्योगिक प्रगति के लिए सरकार अपनी सकारात्मक नीति जारी रखेगी।
आई एम एसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला द्वारा प्रदेश की औद्योगिक नीति में जिस सब्सिडी को कुछ जोन के लिए दिया जाता है, उसे सभी जोन में लागू करने की मांग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में विचार विमर्श कर नई नीति में लागू किया जाएगा।
हरियाणा व दिल्ली के बीच आवागमन की अनुमति देने हेतु मूवमेंट पास जारी करने की मांग करते हुए चावला ने कहा कि हरियाणा से कुछ लोगों को दिल्ली मूवमेंट के लिए अनुमति दी जानी चाहिए ताकि औद्योगिक गतिविधियों को गति मिल सके। चावला ने उद्योगों से जुड़े प्रतिष्ठानों व रॉ मेटीरियल उपलब्ध कराने वाली दुकानों को खोलने की अनुमति भी देने का आग्रह मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से किया। चावला ने वेतन के लिए बैंक ऋण पर सरकार द्वारा छह माह के लिए ब्याज देने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निश्चित रूप से उद्योगों को काफी राहत मिलेगी।
विभिन्न प्रदेशों के श्रमिकों द्वारा हरियाणा में वापस काम पर लौटने पर क्वांरटाईन समय में उनके रहने की व्यवस्था करने की मांग को भी मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया।
इसके साथ साथ चावला ने एमएसएमई सेक्टर के लिए विशेष प्रमोशन पॉलिसी क्रियान्वित करने का आग्रह भी प्रदेश सरकार से किया। चावला ने कहा कि कोरोनावायरस के कारण जो स्थिति रही उससे कई व्यवसायों में बिजनेस के कंसेप्ट बदलेंगे, जिन्हें सहयोग देने के लिए प्रभावी नीति बनाई जानी चाहिए। इसके साथ-साथ विभिन्न विभागों से संबंधित समस्याओं व शिकायतों के तुरंत समाधान के लिए नीति तैयार करने, वैट रिफंड को तुरंत मुहैया कराने का आग्रह भी प्रदेश सरकार से किया गया।
लॉकडाउन के कारण उद्योगों पर पड़े नाकारात्मक प्रभाव का जिक्र करते हुए चावला ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर को सरल वित्तीय सहायता के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए, इसके साथ ही प्रदेश सरकार से आग्रह किया गया कि वह केंद्र सरकार से एमएसएमई सेक्टर के लिए इकनोमिक पैकेज की मांग करें ताकि हरियाणा के औद्योगिक विकास को पुनः तीव्र गति प्रदान की जा सके।
वीडियो कांफ्रेंस में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सहित मुख्य सचिव, प्रधान सचिव व उद्योग व श्रम सहित लगभग सभी विभागों के उच्च अधिकारियो की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। लगभग 3 घंटे चली इस मीटिंग में औद्योगिक प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे गए ताकि प्रदेश के औद्योगिक विकास को पुनः नई गति प्रदान की जा सके।