PNN India: कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच देश के विभिन्न हिस्सों, जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, कामगारों, श्रमिकों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों को गृह राज्य पहुंचाने के लिए एक मई से केंद्र सरकार ने विशेष रेलगाड़ियां (श्रमिक ट्रेनें) चलाने का फैसला लिया है।
भारतीय रेलवे के मुताबिक, ये ट्रेनें केवल मजदूरों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों, छात्रों और अन्य ऐसे लोगों के लिए हैं, जो अपने घर-गांव से दूर लॉकडाउन के दौरान फंस गए हैं। ऐसे लोगों को आवागमन के लिए राज्य सरकारों से संपर्क करना होगा, तभी वे गंतव्य तक पहुंच पाएंगे। लॉकडाउन में प्रवासियों के चलाई जा रही स्पेशल ट्रेनों को लेकर कई लोग कन्फ्यूज हैं कि वो इन ट्रेनों से अपने घर जा सकते हैं या नहीं, साथ ही इसके लिए करना क्या होगा? यहां दूर कीजिए अपना सारा कन्फ्यूजन और समझिए पूरी प्रक्रिया।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन से जाने के लिए अपने राज्य के अधिकारियों से संपर्क करना होगा। रेलवे अधिकारियों को हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि प्रवासी रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले स्थानीय पुलिस प्रशासन से जानकारी हासिल करें। रजिस्ट्रेशन कराएं। आवेदन के बाद संबंधित अधिकारी के पास डेटा तैयार होगा। वे ही लिस्ट तैयार कर बाद में रेलवे को सौंपेंगे, जिसके आधार पर रेल सफर करने की इजाजत दी जाएगी। अगर कोई बगैर आवेदन के या फिर ऐसा कोई व्यक्ति जिसका नाम लिस्ट में नहीं होगा और वह स्टेशन पहुंच जाता है, तब उसे सफर नहीं करने दिया जाएगा।
रेलवे ने शनिवार को फिर स्पष्ट किया इन ट्रेनों में बंद में फंसे सिर्फ उन्हीं लोगों को ले जाया जा रहा है जिन्हें राज्य सरकारों ने अधिकृत किया है। रेलवे ने रात में जारी एक बयान में कहा, “रेलवे सिर्फ राज्य सरकारों द्वारा लाए गए यात्रियों को स्वीकार कर रहा है। किसी अन्य समूह या व्यक्ति को स्टेशन नहीं आना है। कुछ ही ट्रेनों का संचालन राज्य सरकारों के अनुरोध पर हो रहा है और अन्य सभी यात्री गाड़ियां और उपनगरीय रेल सेवाएं बंद हैं।
देशभर में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं आदि को उनके राज्य वापस भेजने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही है। अब इसे लेकर रेल मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने के लिए निर्धारित गंतव्य के अनुसार राज्य द्वारा दी गई यात्रियों की संख्या के अनुसार ट्रेन टिकट की छपाई की जाएगी। राज्य सरकार ही स्थानीय अधिकारी यात्रियों को टिकट देगा और उनसे किराया इकट्ठा करके रेलवे को देगा।
रेलवे ने लॉकडाउन तीसरी बार बढ़ने के ऐलान के बाद शुक्रवार शाम को ही साफ कर दिया कि उसकी सभी यात्री सेवाएं 17 मई 2020 तक रद रहेंगी। रेलवे के बयान के मुताबित सभी को सूचित किया जाता है कि भारतीय रेल ने उपनगरीय ट्रेनों सहित सभी नियमित यात्री ट्रेनों के रद्दीकरण को 17 मई 2020 तक बढ़ा दिया है इस दौरान टिकट बुक करने या ट्रेन से यात्रा करने के उद्देश्य से कोई भी व्यक्ति किसी भी रेलवे स्टेशन पर न आए।