PNN India: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को तंबाकू उत्पादों पर प्रकाशित होने वाली स्वास्थ्य से संबंधित चेतावनी में संशोधन करते हुए इसकी अधिसूचना जारी की है। इसके लिए सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग व लेवलिंग) कानून-2008 में भी संशोधन किया गया है।संशोधित नियम एक सितंबर 2020 से प्रभावी होगा। मंत्रालय ने चेतावनी से संबंधित दो तस्वीरें भी जारी की हैं।
नियम के अनुसार, ‘एक सितंबर 2020 के बाद निर्मित, आयातित या पैकिंग किए जाने वाले सभी तंबाकू उत्पादों पर तस्वीर-1 का प्रदर्शन करना होगा। इसी प्रकार एक सितंबर 2021 के बाद निर्मित, आयातित या पैकिंग किए जाने वाले सभी तंबाकू उत्पादों पर तस्वीर-2 का प्रदर्शन अनिवार्य होगा।’नियमानुसार तंबाकू उत्पादों के निर्माण, आपूर्ति, आयात या वितरण से संबंधित सभी व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना होगा कि उत्पाद के पैकेट पर तय मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य संबंधी विशेष चेतावनी का प्रदर्शन किया गया है।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को भेजे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गैर धूम्ररहित चबाने वाले तंबाकू, पान मसाला और सुपारी से शरीर में लार अधिक बनने लगती है और इससे थूकने की अत्याधिक इच्छा होती है। सार्वजिनक स्थानों पर थूकने से कोविड-19 के प्रसार में तेजी आ सकती है।’ कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते खतरे के मद्देनजर भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा परिषद (आईसीएमआर) ने जनता से चबाने वाले तंबाकू के उत्पादों के सेवन से दूर रहने और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने की अपील की है।
एडवाइजरी के मुताबिक, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के पास विभिन्न कानूनों के तहत कोविड-19 से निपटने के जरूरी अधिकार हैं। इसमें कहा गया, ‘इसी पृष्ठभूमि में, यह अपील की जाती है कि सार्वजनिक रूप से चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का उपयोग और थूकना प्रतिबंधित करने के लिए उचित कानून के तहत आवश्यक उपाय किए जा सकते हैं।’
बता दें कि बिहार, झारखंड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, नागालैंड और असम जैसे कुछ राज्य कोविड-19 महामारी के दौरान पहले ही सार्वजनिक स्थानों पर चबाने वाले तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल और थूकने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं।