इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉ कफील खान की तुरंत रिहाई के दिया आदेश, राज्य सरकार को बड़ा झटका
PNN India: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में पूर्व में जारी रहे प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ बयान देने के आरोप में एनएसए के तहत जेल में बंद डॉ कफील खान को मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तुरंत जेल से रिहा करने की आदेश दीया है. साथ ही कोर्ट ने डॉ कफील पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए एक्ट) के तहत लगी धाराएं भी हटा दी है, जिससे हाईकोर्ट की इस कार्यवाही को राज्य सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह की बेंच ने कहा कि कफील खान का भाषण कहीं से नफरत फैलाने वाला दंगे भड़काने वाला नहीं है. लाइव लॉ पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने माना कि कफील खान के भाषण से अलीगढ़ में शांति व्यवस्था को कोई खतरा नहीं है. निर्णय में यह भी कहा गया कि वास्तविकता में डॉ कफील खान के भाषण में देश की अखंडता और नागरिकों के बीच एकता की बात कही गई थी. कोर्ट ने कहा है कि डॉ कफील खान को जेल में डालना भी बुरा था.
बता दें, भड़काऊ भाषण देने के आरोप में डॉ कफील खान मथुरा जेल में बंद हैं. खंडपीठ ने डॉ कफील खान की मां नुजहत परवीन की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया है.
गौरतलब है कि 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से डॉक्टर कफील खान की मां की अर्ज़ी पर 15 दिन में फैसला लेने को कहा है. डॉ. कफील अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भड़काऊ बयान देने के आरोप में एनएसए के तहत जेल में बंद हैं. उनके ऊपर तीन बार एनएसए बढ़ायी गई है. दरअसल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अगर सरकार किसी को राष्ट्रीय शांति व्यवस्था के लिए जिम्मेदार मानती है तो उसे 12 महीने तक हिरासत में रख सकती है.
उन्हें कथित रूप से CAA के विरोध के बीच 13 दिसंबर, 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक भड़काऊ भाषण देने के लिए इस साल जनवरी में मुंबई से गिरफ्तार किया गया था.
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