PNN India: भारतीय रेलवे ने मंगलवार को कहा कि पुणे जंक्शन द्वारा प्लेटफार्म टिकट का मूल्य कोरोना महामारी के दृष्टिगत बेवजह अंदर प्रवेश कर रहे लोगों की संख्या को कम करने के लिए बढ़ाया गया है. रेलवे की यह सफाई कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के शासनकाल में प्लेटफार्म टिकट का मूल्य तीन रुपये था जबकि भाजपा के शासनकाल में इसे बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया.
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर सवाल उठाते हुए दोनों टिकट की फोटो भी डाली. उन्होंने जिस पहली टिकट की फोटो डाली है, वह 14 दिसंबर 2011 की है. इसका मूल्य तीन रुपये है जबकि दूसरा 50 रुपये का टिकट पुणे जंक्शन का है जो इस साल के अगस्त माह का है.
रेलवे की तरफ से जारी की गई थी गाइडलाइन
भीड़ को कम करने के लिए रेलवे ने मार्च के दौरान ही प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत में भी इजाफा कर दिया था. रेलवे ने जोनों को गाइडलाइन जारी की थी. उसमें कहा गया था कि जिस कैटरिंग स्टाफ को बुखार, कफ, नाक बहने या सांस लेने में दिक्कत जैसी परेशानी हो उसे काम पर न लिया जाए.
250 स्टेशनों पर प्लेटफार्म टिकट के दाम बढ़ाए गए
रेलवे ने कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कई पहलकदमियां शुरू की थीं. रेलवे ने देश के 250 स्टेशनों पर प्लेटफार्म टिकटों की कीमतें 10 से बढ़ाकर 50 रुपये कर दी. प्लेटफार्मों पर ज्यादा लोग जमा नहीं हो इसको ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने सभी डीआरएम को निर्देश जारी किया है कि बड़े स्टेशनों पर प्लेटफार्म टिकटों की कीमतें 10 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दी जाएं. इस आदेश के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म टिकटों की कीमतें 10 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दी गई.
बता दें कि प्लेटफॉर्म टिकट रेलवे दो घंटे के लिए वैलिड होता है. इसका मतलब है कि यदि आप रेलवे प्लेटफॉर्म पर अपने किसी संबंधी को छोड़ने या लेने जा रहे हैं तो टिकट लेने के समयानुसार 2 घंटे तक प्लेटफार्म पर रुकने की अनुमति मिलती है.
यह भी पढ़ें-
रोटरी क्लब द्वारा वृक्षारोपण पर विधायक नयनपाल रावत का खास संदेश