Post

अयोध्या में बनने वाली मस्जिद की तस्वीर आई सामने, धर्मस्थल ही नहीं होगी मानव सेवा

PNN/ UP: अयोध्‍या के धन्नीपुर में बन रही मस्जिद (Ayodhya Mosque) बेहद खूबसूरत होगी. मस्जिद की खूबसूरती और बनावट को लेकर पहले से ही बताया जा रहा है कि यह विश्‍व की चुनिंदा मस्जिदों में से एक होगी. पांच एकड़ की जमीन पर मस्जिद और अस्पताल की दो इमारतें बनेंगी. साथ ही इसकी आकृ‍ति कला का बेजोड़ नमूना होगी. आज इस मस्जिद की डिजाइन और आर्किटेक्‍ट लांच किया गया है. जिसमें मस्जिद के साथ ही उसके साथ बनने वाले पुस्‍तकालय और अस्‍पताल आदि की डिजाइन भी दिखाई गई है.

Dgannipur Masque image
इंडो इस्‍लामिक कल्‍चरल फाउंडेशन की ओर से बनाई जा रही इस मस्जिद की खास बात इसकी डिजाइन है. बीच में गोल गुंबद में बनी यह मस्जिद बहुत ही खूबसूरत होगी. वहीं तस्‍वीर में दिखाई दे रहे चोकोर परिसर में म्‍यूजियम, अस्‍पताल, लाइब्रेरी और कम्‍यूनिटी किचन बनाया जाएगा.

यह गोल मस्जिद पारंपरिक मस्जिदों से अलग और आधुनिक कला का संगम होगी. दिल्‍ली के जामिया मिल्लिया इस्‍लामिया विश्‍वविद्यालय (JMI) के आर्किटेक्‍चर डिपार्टमेंट के डीन प्रोफेसर एस एम अख्‍तर बताते हैं कि यह सिर्फ धार्मिक स्‍थल न होकर मानवता की सेवा के लिए तैयार हो रहा प्रोजेक्‍ट है, लिहाजा इसमें बनने वाले अस्‍पताल (Hospital) और पुस्‍तकालय (Library) पर भी उतना ही ध्‍यान दिया जा रहा है. वहीं मस्जिद की बात करें तो इसका डिजाइन कंटेंपरेरी होगा. इस मस्जिद में कुछ भी पुराना देखने को नहीं मिलेगा. बल्कि यह भविष्‍य को दर्शाती मस्जिद होगी.
इसकी डिजाइन पूरी तरह भारतीय और यहां के आर्किटेक्‍चर की विशेषता लिए होगी. प्रो. अख्‍तर कहते हैं कि आज पूरे विश्‍व में नई नई चीजें बन रही हैं. हर देश अपनी कलात्‍मक शैली का उपयोग कर रहा है. लिहाजा यहां भी इंडो-इस्‍लामिक स्‍थापत्‍य कला का उपयोग होगा. जहां तक मस्जिद की बात है तो इसका डिजाइन कंटेंपरेरी होगा. यह बिल्‍कुल भी पुराने ट्रेडिशनल डिजाइन की नहीं होगी. इसमें पुरानी डिजाइनें भी उपयोग नहीं की जाएंगी. यहां टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करके भविष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए कंटेपरेरी डिजाइन होगा. यह पूरी तरह नया होगा. इसमें इस्‍तेमाल होने वाली तकनीक से लेकर सामान तक नया होगा. यही इसकी खासियत होगी.

मस्जिद में एक साथ 2000 लोगों को बैठने की व्यवस्था

मस्जिद में एक साथ दो हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी जबकि अस्पताल मल्टीस्पेशलिटी होगा. पूरी मस्जिद परिसर में सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होगा. नक्शा पास होने के बाद मस्जिद बनने का काम शुरू होगा.

गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर रखी जा सकती है मस्जिद की नींव

धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद की नींव गणतंत्र दिवस या फिर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रखी जा सकती. हालांकि, इस संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. पिछले दिनों ट्रस्ट के सचिव व प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा था कि निर्माण शुरू करने के लिए पहली ईंट तो रखनी ही होगी तो इसके लिये 26 जनवरी या 15 अगस्त से बेहतर दिन दूसरा नहीं हो सकता है, क्योंकि 26 जनवरी को देश के संविधान की नींव रखी गई थी, जबकि 15 अगस्त को देश आजाद हुआ और आजाद भारत की नींव रखी गई थी.

अख्तर के अनुसार, नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी, लेकिन उसी तरह का ढांचा नहीं होगा. परिसर के मध्य में अस्पताल होगा. पैगंबर ने 1400 साल पहले जो सीख दी थी उसी भावना के अनुरूप मानवता की सेवा की जाएगी.

इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने शनिवार को डिजाइन व आर्किटेक्ट लॉन्च किया. इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष मौलाना जुफर फारुकी व अतहर हुसैन सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे.

यह भी पढ़ें-

शादी से 8 घंटे पहले टूटी दुल्‍हन की रीढ़ की हड्डी, दूल्‍हे ने फिर भी किया कबूल

Sharing Is Caring
Shafi-Author

Shafi Shiddique