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कृषि कानून तीन वर्गों के लिए है काला कानून: अशोक बुवानीवाला

PNN India: कृषि कानूनों के विरोध में अन्नदाताओं के समर्थन में अब राष्ट्रीय जनउद्योग व्यापार संगठन भी आ गया  है। संगठन के पदाधिकारियों के साथ आज किसानों को समर्थन देने पहुंचे राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने धरनारत किसानों से मुलाकात कर उनका समर्थन करते हुए कहा कि कृषि कानून न सिर्फ किसानों को बल्कि ये मजदूर, आढ़तियों व छोटे व्यापारियों के लिए भी काला कानून है। इस कानून को लागू कर मोदी सरकार ने तीनों वर्गों की कमर तोड़ पूंजीवादियों का गुलाम बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर तुरंत प्रभाव से इस कानून को वापिस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि परम्परागत रूप से चल रही मंडी व्यवस्था को ध्वस्त करने का परिणाम हम बिहार राज्य में देख चुके हैं वहां के किसान आज दूसरे राज्यों के मजदूर बन चुके हैं और अब केन्द्र सरकार हरियाणा व पंजाब जैसे समृद्ध मंडी सिस्टम को भी इस कानून के जरिए खत्म कर किसानों को उनकी ही जमीन पर पूंजीवादी ताकतों का गुलाम बनाना चाहती है। जिसे किसी भी रूप से स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। बुवानीवाला ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार किसानों का भला करना चाहती है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को लिखित रूप से इस कानून में क्यों नहीं जोड़ना चाहती। इतना ही नहीं मंडी के बाहर कम दाम पर फसल खरीद करने वालों को सजा के प्रावधान से अलग करना साफ दर्शाता है कि केन्द्र सरकार ने किसके फायदे के लिए ये कानून लागू किया है। बुवानीवाला ने कहा कि अपने हकों के लिए आवाज उठाना और आंदोलन करना ही लोकतंत्र की बुनियाद है लेकिन ये दु:ख की बात है कि आज शांतिपूर्ण आंदोलनों को भी मोदी सरकार हिंसक तरीकों से रोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार संघ विचारधारा को छोड़कर लोकतंत्र के रास्ते पर आते हुए जल्द से जल्द अपनी गलती का सुधार और धरतीपुत्रों का मान रखते हुए इस काले कानून को वापिस ले।

अशोक बुवानीवाला ने भाजपा शासित हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दूसरे राज्यों की फसल अपने राज्य में खरीद न होने देने की बयान को उठाते हुए कहा कि जब भाजपा के लोग ही प्रधानमंत्री मोदी के किसानों द्वारा कहीं भी फसल बेचे जाने की बात को नकारते हुए नए कृषि कानून को धत्ता बता रहे हैं तो इस कानून के नाम पर किसानों को क्यूं गुमराह किया जा रहा है।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गुलशन डंग ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़ें और देश का पेट पालने वाले किसानों के हितों में ये काला कानून वापिस लेते हुए अन्नदाताओं को उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मुल्य की लिखित गारंटी दें।

इस मौके पर सतनारायण अग्रवाल, प्रेम गर्ग, सब्जी मंडी आढ़ती एसोशिएशन के प्रदेश संरक्षक राजकुमार मग्गु, साहिल मग्गू, जितेन्द्र कपूर, किशन लाल शर्मा, सुमित सोनी, देवराज महता सहित संगठन के कई पदाधिकारी मौजूद रहें।

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Shafi-Author

Shafi Shiddique