PNN India: शातिर लोग ठगने में भगवान को भी नहीं छोड़ते हैं। अब लूट सामने से नहीं तो ऑनलाइन ही सही। ऐसा ही एक मामला तिरुपति से सामने आया है। यहां फर्जी वेबसाइट के जरिए भगवान वेंकटेश के धर्मस्थल तिरुपति के लड्डुओं को अवैध रूप से बेचा जा रहा था।
वहीं तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ओर से की गई शिकायत के बाद वेबसाइट को बंद कर दिया है और फर्जी वेबसाइट के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सबसे पहले इसका पता सोशल मीडिया के जरिए ही चला था, इसके बाद मंदिर प्रशासन ने कार्रवाई की।
प्रसाद को फर्जी वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.बालाजीप्रसादम.कॉम (www.balajiprasadam.com) के जरिए बेचा जा रहा था, साथ ही वेबसाइट का दावा था कि वह कम कीमत देश भर में तिरुपति के लड्डओं को पहुंचा सकते हैं। हालांकि इस मामले में कोई गिरफ्तार नहीं हुआ है।
आपको बता दें कि भगवान वेंकटेश के इस धर्मस्थल में रोज हजारों भक्त भगवान के भोग का लड्डू पाते हैं। इस प्रसाद की खास बात यह कि तिरुपति प्रबंधन हर साल करीब 10 करोड़ लड्डू बनवाता है और प्रत्येक लड्डू को ₹50 में बेचा जाता है साथ ही दुनिया के हर कोने में भगवान के भक्तों तक यह भगवान का भोग पहुंचाया जाता है।
80 दिनों बाद खुला भगवान बालाजी मंदिर
तिरुमला पहाड़ी पर स्थित भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए 20 मार्च को बद होने के बाद 11 जून से खोला गया, लेकिन हर रोज श्रद्धालुओं की संख्या सीमित है। कोरोना महामारी के कारण यहां 80 दिनों से ज्यादा समय तक मंदिर को दर्शन बंद किया गया था। इस बारे में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने बताया था कि शुरु में रोजाना केवल 6000 श्रद्धालुओं को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी और कोविड-19 के सतर्कता का पालन किया जाएगा। बाद में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाई जाएगी। भगवान के दर्शन के दौरान लोगों के बीच छह फीट की दूरी का पालन करने और मास्क पहनने का कड़ाई से पालन हो रहा है।
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